शुभमन गिल का दोस्त है जूस बेचने वाले का बेटा, दुबई ले गए साथ, निभाया वादा

टीम इंडिया के T20I टीम के उप कप्तान शुभमन गिल एशिया कप 2025 के पहले मुकाबले में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी की और 9 गेंदों में नाबाद 20 रन बनाए. इस मुकाबले को टीम इंडिया ने 9 विकेट से जीता. शुभमन गिल खेल के मैदान में तो अच्छा प्रदर्शन करते ही हैं. मैदान के बाहर भी उनका जवाब नहीं है. गिल जो वादा करते हैं, उसे निभाते ही हैं. उन्होंने अपने बचपन के दोस्त से एक वादा किया और उसे पूरा करते हुए जूस बेचने वाले के बेटे को अपने साथ दुबई लेकर गए हैं. जूस बेचने वाले का ये बेटा अविनाश कुमार शुभमन गिल का बचपन का दोस्त है.

कैसे मिले गिल और अविनाश?

भारत के टेस्ट टीम के कप्तान शुभमन गिल अपने पिता लखविंदर गिल के साथ मोहाली के आईएस बिंद्रा स्टेडियम में प्रैक्टिस करने के लिए जाते थे. इस स्टेडियम के गेट नंबर-1 पर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के रहने वाले रामविलास शाह जूस का ठेला लगाते थे. गिल और उनके पिता रोज यहां मौसमी का जूस पीने के लिए आते थे. रामविलास के बेटे अविनाश कुमार तेज गेंदबाज थे और मोहाली स्टेडियम के पीछे वाली मैदान में प्रैक्टिस करते थे.

साल 2014 में लखविंदर गिल ने अविनाश को जूस बेचते हुए देखा. एक इंटरव्यू के दौरान अविनाश ने बताया कि शुभमन गिल के पिता ने मुझसे पूछा कि तुम जूस क्यों बेच रहे हो? इस पर मैंने कहा, “मैंने क्रिकेट छोड़ दी है. मैं एक फोटो स्टूडियो में काम कर रहा हूं. आज मैं यहां इसलिए हूं, क्योंकि मेरे पिताजी की तबीयत ठीक नहीं है”. इस पर लखविंदर गिल ने मुझ पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि क्रिकेट तुम्हारे परिवार की लाइफ बदल सकती है. एक हफ्ते बाद उन्होंने अविनाश को एक साइड-आर्म थ्रोअर का वीडियो दिखाया और उसे प्रैक्टिस शुरू करने को कहा.

अविनाश की बदल दी लाइफ

अविनाश ने बताया कि शुभमन गिल के पिता की सलाह पर मैंने साइड-आर्म थ्रोअर की प्रैक्टिस शुरू कर दी. इस दौरान मेरी दोस्ती शुभमन गिल से हो गई. अविनाश गर्व से कहते हैं, “मैं उन्हें अकादमी से जानता था, लेकिन अब मैं उनका निजी साइड-आर्म थ्रोअर बन गया हूं. वो दिन था और आज का दिन है. हम एक साथ हैं”.

अविनाश बताते हैं कि वो हर रोज करीब 150 से 200 रुपये कमाते थे, लेकिन उन्होंने कभी शुभमन या उनके पिता से एक पैसा नहीं लिया, क्योंकि वे मेरे मार्गदर्शक रहे हैं. वो मुझे होली और दिवाली जैसे त्योहारों पर गिफ्ट देते रहते थे. जरूरत पड़ने पर मेरे परिवार की मदद भी की. मैं हमेशा उनका आभारी रहूंगा.

साल 2019 में पंजाब टीम के लिए साइड-आर्म थ्रोअर बने अविनाश

साल 2019 में अविनाश पंजाब रणजी टीम के लिए साइड-आर्म थ्रोअर बन गए और मनदीप सिंह और गुरकीरत मान जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने उन्हें तुरंत पसंद कर लिया. इसके अलावा शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा, प्रभसिमरन सिंह और अनमोलप्रीत सिंह जैसे युवाओं के साथ उनकी अच्छी बनती गई. साल 2024 में शुभमन गिल गुजरात सुपर टाइटंस के कप्तान बने.

अविनाश ने बताया कि मैंने उनसे कहा, “यार अब तू कैप्टन बन गया, मुझे भी IPL ले चल”. शुभमन के आश्वस्त करने वाले शब्दों ने उन्हें उम्मीद दी. उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.

गिल ने निभाया अपना वादा

अविनाश ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि इस साल की शुरुआत में मैं चंडीगढ़ में अपने बेटे के साथ खेल रहा था. तभी मुझे शुभमन का फोन आया. फोन पर शुभमन ने मुझसे कहा कि अपना बैग पैक कर लो, क्योंकि मुझे जल्द ही गुजरात टाइटंस मैनेजमेंट से फोन आने वाला है. उन्होंने मुझे स्पाइक्स, कपड़े, मोबाइल गिफ्ट में दिए हैं, लेकिन ये कुछ और ही था. यह अनमोल था.

IPL 2025 से पहले ही शुभमन की नजर इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज पर टिकी थी. अपने गुरु और बचपन के दोस्त खुशप्रीत सिंह औलख के साथ, उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की भी जरूरत थी जो उन्हें लाल गेंद से चुनौती दे सके.

शुभमन गिल को मिला सच्चा दोस्त

अविनाश ने बताया कि ये केपी पाजी का विचार था. उन्होंने शुभमन को IPL के दौरान ही लाल गेंद से प्रैक्टिस शुरू करने के लिए कहा था. जब मैं गुजरात टाइटंस में शामिल हुआ तो शुभमन ने मुझे लाल गेंद से नेट्स पर बॉलिंग करने को कहा. मैंने ऐसा करना शुरू कर दिया. इससे शुभमन गिल को इंग्लैंड में काफी मदद मिली.

अपने पिता के ठेले पर शुभमन से मिलना अविनाश के लिए एक आशीर्वाद था. अब वो गिल को अपना परिवार मानते हैं. उस ठेले पर शुभमन को न केवल जूस मिला, बल्कि एक सच्चा दोस्त और विश्वासपात्र भी मिला.

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